माँ- Maa के लिए Shayari

"माँ" के लिए मैं क्या लिखूं....? माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.....

माँ के लिए मैं क्या लिखूं,

माँ ने तो खुद मुझे लिखा है.......


माँ से छोटा कोई शब्द हो तो बताओ,

माँ से बड़ा भी कोई हो तो बताओ........


लोग कहते हैं की आज माँ का दिन है,

वो कौनसा दिन है जो‌ माँ के बिना है........


मौत के लिए तो बहुत रास्ते हैं,

पर जन्म लेने के लिए केवल माँ ही है........


मंजिल दूर है और सफ़र बहुत है,

छोटी सी जिंदगी की फ़िक्र बहुत है........


मार डालती ये दुनिया कब की हमें,

लेकिन माँ की दुआओं में असर बहुत है........


दवा न असर करे तो‌ नजर उतारती है,

एक माँ ही है जो कभी नहीं हार मानती है.......


जन्नत का हर लम्हा मैंने दीदार किया था,

गोद में उठाकर जब माँ ने मुझे प्यार किया था.......


शायद गिनती नहीं आती मेरी मां को‌ यारों,

तभी तो मैं एक रोटी मांगता हूं तो,

वो‌ दो लेकर आती है........


यारों माँ को देख मुस्कुरा लिया करो‌,

क्या पता किस्मत में हज तीरथ लिखा ही न हो.......


एक अच्छी माँ हर किसी के पास होती है,

पर एक अच्छी औलाद हर माँ के पास नहीं होती.......


सन्नाटा छा गया बंटवारे के समय,

जब माँ ने कहा मैं किसके हिस्से में हूं........


घर की इस बार मैं मुकम्मल तलाशी लूंगा,

पता नहीं गम छुपाकर हमारे माँ-बाप कंहा रखते थे.......


जब भी लिखता हूं माँ तेरे बारे में,

न जाने क्यूं मेरी आंखें भर आती है........


आज तू नहीं है पास मेरे माँ,

पर तेरी याद मुझे बहुत रूलाती है.........

Love you मेरी प्यारी "माँ".

Next Post Previous Post